ताज्या घडामोडीदेश विदेश

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश गवई महाराष्ट्र सरकार के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी से खास नाराज..

विशेष प्रतिनिधी.

हि बातमी ईतर भाषेत वाचा
Share

अमित नरवाडे
(बुद्धिष्ट इंटरनेशनल नेटवर्क) इन्होने सोशल मिडीया (फेसबुक) के माध्यम से  कहा हैं की,भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जब पहली बार महाराष्ट्र की धरती पर आए, तो राज्य के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक उनकी अगवानी में नदारद रहे। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि सुनियोजित और घृणित जातिवादी मानसिकता का परिणाम है।

ये दोनों अधिकारी, ब्राह्मणवादी सत्ता के प्रतीक मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इशारों पर काम करते हैं। यह चुप्पी, यह बहिष्कार, एक साफ संदेश है कि बहुजनों, दलितों और आंबेडकरी विचारधारा से आने वाले लोगों को वे सर्वोच्च पदों पर भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

जब एक दलित, जो शोषितों की आवाज़ बनकर न्याय की कुर्सी तक पहुंचता है, उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया जाता है तो वह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और बाबा साहब अंबेडकर के स्वप्नों का अपमान है।

यह घटना उजागर करती है कि भारत में वर्णव्यवस्था की जड़ें कितनी गहरी और ज़हरीली हैं। ये जातिवादी ताक़तें अब भी हर उस आवाज़ को दबाने में लगी हैं जो समानता, न्याय और सामाजिक परिवर्तन की बात करती है।

ही बातमी वाचा.  बसपा माजी प्रदेशाध्यक्ष संदीप ताजने बसपातुन निलंबित....

#bpsavichardhara


Share

मुख्य संपादक - सागर उर्फ मनोहर डबरासे

यह पोर्टल संपादक मालिक प्रकाशक सागर उर्फ मनोहर डबरासे द्वारा कार्यालय दर्शन एक्सप्रेस न्युज दीक्षित नगर नारी रोड नागपूर से प्रकाशित किया गया हैं, प्रकाशित किसी भी लेखन सामग्री पर संपादक सहमत ही हो यह आवश्यक नही! प्रकाशित किसी भी लेखन पर आपत्ती होने पर उनका निस्तारन सूचना प्रौद्योगीकी( प्लॅटफॉर्म दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता ) विनिमय 2021 की तहत किया जायेगा!

Related Articles

Back to top button
या न्युज पोर्टल च्या बातम्या,फोटो कॉपी करू नये.